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@जामिया हिंसा: !48 घंटे में सामने आए चार वीडियो!, सभी को लेकर अलग-अलग दावे

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 15 दिसंबर को लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर पुलिस के लाठियां बरसाने का वीडियो सामने आने के मामले में दो दिन में चौथा वीडियो सामने आया है। इनमें से किसी भी वीडियो की पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है। हालांकि इन्हें लेकर राजनीति तेज हो गई है। जानिए इन वायरल हो रहे वीडियो में क्या है...

जामिया हिंसा (फाइल फोटो)
बता दें कि चौथे वीडियो में पुलिसवाले लाइब्रेरी के अंदर दरवाजे के सामने जिस टेबल को लगाकर उसे बंद किया गया था उस टेबल को हटाते दिख रहे हैं। साथ ही इसमें दर्जनों छात्र पुलिस से बचकर लाइब्रेरी से निकलते दिख रहे हैं। पुलिस कुछ छात्रों को पीटती भी दिख रही है। इस वीडियो में पुलिस सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ती दिख रही है।यह वीडियो मखतूब मीडिया ने जारी किया है। इसे लेकर जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी का दावा है कि यह वीडियो उन्होंने जारी नहीं किया है और उनके पास इसकी रॉ फुटेज भी नहीं है।

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तीसरे वीडियो में लाइब्रेरी में बैठते दिखे नकाबपोश
लाइब्रेरी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कुछ नकाबपोश लाइब्रेरी में आकर बैठते दिखे। इसके बाद पहले से भीतर बैठे छात्रों ने लाइब्रेरी के टेबल-कुर्सी को इस तरह लगाना शुरू कर दिया, जिससे मुख्य द्वार को न खोला जा सके। हालांकि इस वीडियो की तिथि और समय के बारे में पता नहीं चल पा रहा है।

44 सेकेंड के दूसरे वीडियो में योजना बना पत्थर फेंकता दिखा छात्र
जामिया कैंपस की जाकिर हुसैन लाइब्रेरी के एक दूसरे वायरल हुए वीडियो में एक युवक हाथों में पत्थर लेकर दूसरी तरफ फेंकता हुआ नजर आ रहा है। पत्थर फेंकने से पहले वह अपने साथियों के साथ योजना बनाता हुआ भी दिख रहा है। हालांकि 44 सेकेंड के इस वीडियो में दिखे छात्र की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
 
उपद्रव वाले पहले वीडियो में जामिया के छात्र पुलिस पर पथराव करते दिखे
उधर, उपद्रव वाले वीडियो में जामिया के छात्र पुलिस पर लगातार पथराव करते हुए देखे जा सकते हैं। पुलिस छात्रों से लगातार कैंपस में जाने की अपील करती दिखी। वीडियो मेें दावा है कि हिंसा कर रहे छात्र जामिया कैंपस की ओर भागे थे। दोनों वीडियो सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच जांच की बात कह रही है। उधर, पुलिस स्थापना दिवस के मौके पर इस मुद्दे पर पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।

भाजपा का क्या है कहना
जामिया की लाइब्रेरी का वीडियो आने के बाद बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि जब हिंसा फैलाने वालों और अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई होती है तो उनके दिल में दिल्ली पुलिस के लिए कोई सहानुभूति नहीं होती है। ये कोई कांग्रेस की सरकार नहीं है। आतंक जब फैलेगा, आराजकता फैलेगी तो क्या पुलिस अपना काम नहीं करेगी? दिल्ली पुलिस ने प्रोटेस्ट के दौरान जो काम किया है, वह सराहनीय है। यदि कहीं ज्यादा बल का प्रयोग किया गया है तो इसकी जांच करेगी दिल्ली पुलिस।

क्या बोले दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग
जामिया हिंसा से जुड़े वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब ने कहा है कि दिल्ली पुलिस की तरफ इस पर कम से कम एक बयान तो आना ही चाहिए था। अगर किसी एक छात्र ने भी पत्थर लेकर लाइब्रेरी के अंदर प्रवेश किया तो वह भी निंदनीय है। इस पूरे घटना की विस्तार से जांच होनी चाहिए।

जामिया के छात्रों की याचिका पर अदालत ने केंद्र, दिल्ली और पुलिस से जवाब मांगा
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर 15 दिसंबर को हुई हिंसा में घायल एक छात्र की मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है।
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