Ad Code

Responsive Advertisement

मुरलीधर जज के तबादले पर तकरार,बोले रविशंकर - ट्रांसफर हुआ कोलेजियम की सिफारिश पर

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी. इसके बाद पूरी  कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादला आदेश जारी हुआ .



  • दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस. मुरलीधर का तबादला
  • कांग्रेस के सवालों का रविशंकर ने दिया जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले पर बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों का केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी. इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादला आदेश जारी हुआ.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जस्टिस एसय मुरलीधर का तबादला भारत के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश के अनुसार किया गया था. जज का ट्रांसफर करते समय जज की सहमति ली जाती है. अच्छी तरह से तय प्रक्रिया का पालन किया गया है.'
राहुल गांधी खुद को SC से उपर मानते हैं?
जस्टिस लोया को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ' जस्टिस लोया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अच्छी तरह से सुलझा लिया है. सवाल उठाने वाले लोग विस्तृत तर्कों के बाद कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं करते हैं. क्या राहुल गांधी खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी उपर मानते हैं?'

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ' हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं. न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करने में कांग्रेस का रिकॉर्ड है. इमरजेंसी के दौरान जजों को नजरअंदाज किया गया. जब फैसला उनकी पसंद का हो, तभी खुश हों अन्यथा संस्थानों पर ही सवाल उठाएं.'
क्या है पूरा मामला
दिल्ली हिंसा की सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट के जज का तबादला कर दिया गया. जस्टिस एस. मुरलीधर को दिल्ली हाई कोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेजा गया है. राष्ट्रपति भवन से जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े के साथ बातचीत करने के बाद जस्टिस एस. मुरलीधर का तबादला किया गया.

इसके साथ ही जस्टिस एस. मुरलीधर को अपने कार्यालय का प्रभार संभालने का निर्देश भी दिया गया है, लेकिन जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को हुई अपनी बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी.

Transfer of Hon’ble Justice Muralidhar was done pursuant to the recommendation dated 12.02.2020 of the Supreme Court collegium headed by Chief Justice of India. While transferring the judge consent of the judge is taken. The well settled process have been followed.

1,575 people are talking about this

The Loya judgement has been well settled by the Supreme Court.
Those raising questions do not respect the judgment of the Apex Court pronounced after elaborate arguments. Does Rahul Gandhi consider himself above even the Supreme Court?
We respect independence of judiciary. Record of Congress in compromising independence of judiciary, superseding judges even of Supreme Court during Emergency is well known.They rejoice only when the judgment is of their liking otherwise raise questions on the institutions itself. 

297 people are talking about this























Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement