राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. नृपेंद्र मिश्रा 29 फरवरी को अयोध्या जाएंगे.
राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद यह उनका पहला अयोध्या दौरा होगा.

- शनिवार को अयोध्या जाएंगे नृपेंद्र मिश्रा
- भूमि पूजन की तिथि पर हो सकती है चर्चा
राम मंदिर निर्माण को लेकर गठित ट्रस्ट की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव रह चुके नृपेंद मिश्रा को 'राम मंदिर निर्माण समिति' के प्रमुख का दायित्व सौंपा गया था.
राम मंदिर निर्माण समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद 1967 बैच के अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा शुक्रवार को पहली बार लखनऊ पहुंचे.
राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. हालांकि, इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से उनकी क्या बात हुई, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.
नृपेंद्र मिश्रा 29 फरवरी को अयोध्या जाएंगे. यह राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद यह उनका पहला अयोध्या दौरा होगा.
उम्मीद जताई जा रही है कि मिश्रा के अयोध्या दौरे के दौरान मंदिर निर्माण के लिए बैठक होगी, जिसमें मंदिर के मॉडल और निर्माण अवधि के साथ ही लागत आदि बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है.
बताया जाता है कि पूर्व आईएएस अधिकारी मिश्रा के अयोध्या दौरे के दौरान होने वाली बैठक में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे.
इस बैठक में भव्य राम मंदिर के निर्माण की कार्य योजना और भूमि पूजन की तिथि पर भी चर्चा हो सकती है. भूमि पूजन को लेकर कहा जा रहा है कि दो संभावित तिथियों पर विमर्श चल रहा है.
राम नवमी के दिन दो अप्रैल और अप्रैल माह के अंत में पड़ने वाली अक्षय तृतीया, दोनों में से किसी एक तिथि को मंदिर के भूमि पूजन के लिए निर्धारित किया जा सकता है.
चर्चा यह भी है कि मंदिर का निर्माण जिस स्थान पर कराया जाना है, भूमि पूजन की तिथि निर्धारित करने से पहले वहां की मिट्टी की जांच कराई जाएगी.
मिट्टी की जांच कराए जाने के बाद उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही भूमि पूजन की तिथि निर्धारित की जाएगी.बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने 'राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था.
ट्रस्ट गठन के बाद 19 फरवरी को हुई पहली बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास को अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय को महासचिव नियुक्त किया गया था.
इसी बैठक में नृपेंद्र मिश्रा को भवन निर्माण समिति का चेयरमैन नियुक्त किया गया था.
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